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बुधवार, 29 जनवरी 2025

हैदराबाद विश्वविद्यालय में फैकल्टी पदों के लिए भर्ती अधिसूचना 2025


हैदराबाद विश्वविद्यालय में शैक्षणिक पदों के   लिए बम्पर भर्ती

 

हैदराबाद विश्वविद्यालय, जो कि एक प्रतिष्ठित केंद्रीय विश्वविद्यालय है और जिसे 1974 में संसद के एक अधिनियम के तहत स्थापित किया गया था, ने विभिन्न फैकल्टी (शिक्षण) पदों के लिए भर्ती अधिसूचना जारी की है। यह भर्ती प्रोफेसर, एसोसिएट प्रोफेसर और असिस्टेंट प्रोफेसर पदों के लिए है, और इसमें कुल 40 पद उपलब्ध हैं।
भर्ती प्रक्रिया और महत्वपूर्ण तिथियां

अधिसूचना जारी होने की तिथि: 20 जनवरी 2025

ऑनलाइन आवेदन की अंतिम तिथि: 20 फरवरी 2025, शाम 5:30 बजे

हार्डकॉपी जमा करने की अंतिम तिथि: 24 फरवरी 2025

आवेदन प्रक्रिया

इच्छुक उम्मीदवारों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन पत्र और अन्य जानकारी के लिए निम्नलिखित लिंक देखें:

अधिसूचना एवं अपडेट के लिए वेबसाइट: https://uohyd.ac.in/carees-uoh/

ऑनलाइन आवेदन लिंक: https://curec.samarth.ac.in

डाक द्वारा आवेदन भेजने का पता

सहायक रजिस्ट्रार,

भर्ती प्रकोष्ठ, कमरा संख्या 221, प्रथम तल,

प्रशासन भवन, हैदराबाद विश्वविद्यालय,

प्रो. सी.आर. राव रोड, गाचीबोवली, हैदराबाद - 500 046, तेलंगाना, भारत।

(नोट: आवेदन की हार्डकॉपी व्यक्तिगत रूप से जमा नहीं की जा सकती, इसे केवल डाक/कूरियर के माध्यम से भेजा जा सकता है।)

महत्वपूर्ण निर्देश

1. यह भर्ती केवल भारतीय नागरिकों और OCI (Overseas Citizens of India) के लिए खुली है।

2. चयन प्रक्रिया प्रत्यक्ष भर्ती (Direct Recruitment) के माध्यम से होगी।

3. उम्मीदवारों को सभी आवश्यक दस्तावेजों और प्रमाणपत्रों को अपलोड करना होगा एवं हार्डकॉपी नियत समय में भेजनी होगी।

हैदराबाद विश्वविद्यालय में शिक्षण पदों के लिए यह एक शानदार अवसर है। यदि आप शिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करना चाहते हैं, तो समय रहते आवेदन करें और अपनी योग्यता के अनुसार सही पद के लिए आवेदन करने का मौका न गंवाएं।

अधिक जानकारी के लिए विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं: https://uohyd.ac.in


शनिवार, 25 जनवरी 2025

प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार: एकल प्रवेश प्रक्रिया लागू करने का निर्णय


प्रदेश में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार: एकल प्रवेश प्रक्रिया लागू करने का निर्णय

प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग ने आगामी शैक्षणिक सत्र से डिग्री कॉलेज और विश्वविद्यालयों में एकल प्रवेश प्रक्रिया लागू करने का ऐलान किया है। इस निर्णय का उद्देश्य शिक्षा व्यवस्था को पारदर्शी और सुगम बनाना है। शुक्रवार को विधानसभा में आयोजित राज्य स्तरीय गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (एसएलक्यूएसी) की पहली बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने यह घोषणा की। बैठक में प्रदेश के उच्च शिक्षा तंत्र को सुदृढ़ बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर चर्चा हुई और नई नीतियों की रूपरेखा तैयार की गई।

बैठक में यह तय हुआ कि प्रदेश में सभी शिक्षण संस्थानों को शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए वार्षिक योजना बनानी होगी। इसके तहत नैक मूल्यांकन और एनआईआरएफ रैंकिंग में बेहतर प्रदर्शन करने के लिए संस्थानों को विशेष निर्देश दिए गए। उच्च शिक्षा मंत्री ने सभी शिक्षकों और शिक्षणेत्तर कर्मचारियों के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रशिक्षण कार्यशालाएं आयोजित करने पर जोर दिया। साथ ही, चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम के क्रियान्वयन और 2025-26 से राज्य के कॉलेजों के शोध प्रस्तावों को समर्थ पोर्टल के माध्यम से संचालित करने की योजना पर भी चर्चा की गई।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के तहत प्रदेश के योग्य महाविद्यालयों को यूजीसी स्वायत्त महाविद्यालय योजना के लिए प्रोत्साहित करने का निर्णय लिया गया। सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को अपनी वार्षिक गतिविधि योजना, शैक्षणिक कैलेंडर और संस्थागत विकास योजना तैयार कर वेबसाइट पर अपलोड करने के निर्देश दिए गए हैं।

बैठक में उच्च शिक्षा के प्रशासनिक सुधारों पर भी ध्यान दिया गया। निदेशक उच्च शिक्षा का कैंप कार्यालय लखनऊ में स्थापित करने का निर्णय लिया गया ताकि उच्च शिक्षा के संचालन में तेजी लाई जा सके। इसके साथ ही, विश्वविद्यालयों की नियुक्ति समितियों में सरकार के प्रतिनिधित्व हेतु एक समिति गठित करने का प्रस्ताव भी पारित किया गया।

बैठक में प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा एमपी अग्रवाल, विशेष सचिव शिपू गिरि और निदेशक उच्च शिक्षा प्रो. अमित भारद्वाज सहित कई वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया। उच्च शिक्षा मंत्री ने निर्देश दिया कि प्रकोष्ठ की बैठकें नियमित रूप से आयोजित की जाएं ताकि शिक्षा क्षेत्र में सुधार के प्रयासों को और मजबूती दी जा सके।

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 5,400 से अधिक शैक्षणिक पद रिक्त, आधे से अधिक पद आरक्षित

केंद्रीय विश्वविद्यालयों में 5,400 से अधिक शैक्षणिक पद खाली पड़े हैं, जिनमें से आधे से अधिक पद ओबीसी, एससी और एसटी वर्गों के लिए आरक्षित हैं...