शुक्रवार, 31 जनवरी 2025

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) की ऐतिहासिक उपलब्धि


शोध और नवाचार में DDUGU की बड़ी छलांग

दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय (DDUGU) ने शिक्षा और शोध के क्षेत्र में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के मार्गदर्शन और कुलपति प्रो. पूनम टंडन के नेतृत्व में विश्वविद्यालय ने शोध संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। 2020 में मात्र 98 स्कोपस-सूचीबद्ध शोध पत्र प्रकाशित हुए थे, जबकि 2023-2024 में यह संख्या 450 से अधिक हो गई है। यह उपलब्धि दर्शाती है कि विश्वविद्यालय शोध और नवाचार के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है।


बौद्धिक संपदा और पेटेंट में उल्लेखनीय वृद्धि


विश्वविद्यालय न केवल शोध प्रकाशनों में बल्कि नवाचार और बौद्धिक संपदा संरक्षण में भी उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रहा है। पिछले शैक्षणिक सत्र में 40 से अधिक पेटेंट फाइल किए गए, और आने वाले महीनों में 50 अतिरिक्त पेटेंट और कॉपीराइट फाइल करने की योजना है। यह विश्वविद्यालय की नवाचार को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता और वैज्ञानिक अनुसंधान में उत्कृष्टता के प्रति उसके समर्पण को दर्शाता है।


MERU योजना से अनुसंधान को मिलेगा नया आयाम


DDUGU को मल्टीडिसिप्लिनरी एजुकेशन एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी (MERU) योजना के तहत ₹100 करोड़ का अनुदान प्राप्त हुआ है। इस अनुदान से विश्वविद्यालय के शोध बुनियादी ढांचे को और सुदृढ़ किया जाएगा, जिससे अनुसंधानकर्ताओं और छात्रों को अत्याधुनिक सुविधाएं मिलेंगी। इस योजना के तहत विश्वविद्यालय में नए प्रयोगशालाओं, अनुसंधान केंद्रों और शिक्षण संसाधनों का विस्तार किया जाएगा।


राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर DDUGU की बढ़ती प्रतिष्ठा


विश्वविद्यालय की इन उपलब्धियों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) द्वारा भी मान्यता दी गई है, और इसे 'श्रेणी-1' संस्थान का दर्जा प्रदान किया गया है। इसके अलावा, DDUGU ने Scimago वर्ल्ड रैंकिंग, QS वर्ल्ड यूनिवर्सिटी एशिया रैंकिंग, वेबोमेट्रिक्स रैंकिंग और NAAC A++ प्रत्यायन में भी महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। इन उपलब्धियों ने विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर और अधिक प्रतिष्ठित बना दिया है।


नेचर इंडेक्स रैंकिंग में DDUGU की मजबूत उपस्थिति


DDUGU के लिए एक और ऐतिहासिक उपलब्धि प्रतिष्ठित 'नेचर इंडेक्स' रैंकिंग में शामिल होना है, जो प्राकृतिक विज्ञानों में उच्च गुणवत्ता वाले शोध कार्यों को मान्यता देता है। 1 नवंबर 2023 से 31 अक्टूबर 2024 की अवधि के लिए, विश्वविद्यालय ने भारत के शीर्ष 100 उच्च शिक्षण संस्थानों (HEIs) में स्थान प्राप्त किया है। इस अवधि में विश्वविद्यालय के शिक्षकों द्वारा नेचर इंडेक्स जर्नल में तीन शोध पत्र प्रकाशित किए गए – दो रसायन विज्ञान और एक भौतिकी विज्ञान में।


DDUGU की नेचर इंडेक्स रैंकिंग (1 नवंबर 2023 - 31 अक्टूबर 2024)


कुल HEIs रैंकिंग: 364 उच्च शिक्षण संस्थानों में 100वां स्थान, जबकि विश्वविद्यालयों में 34वां स्थान।


रसायन विज्ञान श्रेणी: 156 उच्च शिक्षण संस्थानों में 79वां स्थान, जबकि विश्वविद्यालयों में 30वां स्थान।


प्राकृतिक विज्ञान जर्नल समूह: 285 HEIs में 102वां स्थान और विश्वविद्यालयों में 34वां स्थान।


भौतिकी विज्ञान जर्नल समूह: 151 HEIs में 93वां स्थान और विश्वविद्यालयों में 45वां स्थान।



कुलपति प्रो. पूनम टंडन की प्रतिक्रिया


DDUGU की इस सफलता पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने गर्व व्यक्त किया और माननीया कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल के प्रति कृतज्ञता प्रकट की। उन्होंने कहा, "यह उपलब्धि हमारे संकाय सदस्यों, शोधकर्ताओं और छात्रों की कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। माननीया कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल जी के प्रेरणादायक नेतृत्व और सतत मार्गदर्शन ने हमें शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रेरित किया है। उनका सहयोग और मार्गदर्शन हमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचने की ऊर्जा देता है।"


DDUGU का भविष्य और अनुसंधान की दिशा में नए प्रयास


इन ऐतिहासिक उपलब्धियों के साथ, DDUGU उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर आगे बढ़ रहा है। विश्वविद्यालय न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर भी अपनी पहचान बना रहा है। शोध, नवाचार और अकादमिक उत्कृष्टता को और अधिक मजबूती देने के लिए विश्वविद्यालय नए प्रोजेक्ट्स, उच्चस्तरीय अनुसंधान और अंतरराष्ट्रीय सहयोग की संभावनाओं पर काम कर रहा है।


DDUGU की यह सफलता यह साबित करती है कि यदि संकल्प, समर्पण और सही नेतृत्व मिले, तो किसी भी संस्थान को विश्व स्तरीय बनाया जा सकता है। यह विश्वविद्यालय शोध और शिक्षा के क्षेत्र में नए मानदंड स्थापित कर रहा है और आने वाले वर्षों में और भी बड़ी उपलब्धियां हासिल करने की ओर अग्रसर है।


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